UPSC के लिए भारतीय संविधान के प्रमुख संशोधनों की सूची भारतीय संविधान में लाए गए महत्वपूर्ण संशोधनों का उल्लेख नीचे किया गया है: पहला संशोधन अधिनियम, 1951 राज्य को सामाजिक और पिछड़े वर्गों की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान करने का अधिकार था ,नौवीं अनुसूची जोड़ी गई नोट : चौथे संशोधन अधिनियम, 1955 में नौवीं अनुसूची में कुछ और अधिनियम शामिल किए गए 17वें संशोधन अधिनियम, 1964 में 44 और अधिनियमों को नौवीं अनुसूची में शामिल किया गया 29वें संशोधन अधिनियम, 1972 में भूमि सुधार पर केरल के दो अधिनियमों को नौवीं अनुसूची में शामिल किया गया 34वें संशोधन अधिनियम, 1974 में नौवीं अनुसूची में विभिन्न राज्यों के बीस और भूमि कार्यकाल और भूमि सुधार अधिनियम शामिल किए गए अनुच्छेद 19 (1) [भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता] पर प्रतिबंधों के तीन और आधार जोड़े गए: सार्वजनिक व्यवस्था विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध अपराध के लिए उकसाना नोट : प्रतिबंधों को उचित और न्यायसंगत बनाया गया था। किसी भी व्यवसाय या व्यापार का राष्ट्रीयकरण करने के लिए राज्य के कदम की वैधता का परिचय दिया और इसे व्यापार और व्यापा...
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Showing posts from August, 2021
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हाल ही में, ‘किशोर न्याय अधिनियम’, 2015 में संशोधन करने हेतु ‘किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख और संरक्षण) विधेयक, 2021 राज्यसभा में पारित कर दिया गया है। नवीनतम संशोधनों के अनुसार: अधिनियम के तहत जिलाधिकारियों को ‘किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के साथ-साथ संकट की स्थिति में बच्चों के पक्ष में समन्वित प्रयास करने के लिए और अधिक अधिकार दिए गए हैं। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) सहित जिला मजिस्ट्रेट (ADM) स्वतंत्र रूप से जिला बाल संरक्षण इकाइयों, बाल कल्याण समितियों, किशोर न्याय बोर्डों, विशेष किशोर पुलिस इकाइयों, बाल देखभाल संस्थानों आदि के कामकाज का मूल्यांकन करेंगे। जिलाधिकारी द्वारा ‘बाल कल्याण समितियों’ के सदस्यों, जो कि आम तौर पर सामाजिक कल्याण कार्यकर्ता होते हैं, की शैक्षिक योग्यता सहित पृष्ठभूमि की जांच भी की जाएगी। वर्तमान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। विधेयक में, जिलाधिकारी से ‘बाल कल्याण समिति’ के सदस्यों की संभावित आपराधिक पृष्ठभूमि की भी जांच करने को कहा गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नियुक्ति से पहले कि...
91 amendment act
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भारत का संविधान (91वाँ संशोधन) अधिनियम, 2003 भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया। संविधान के अनुच्छेद 75 में धारा (1) के बाद निम्नलिखित धाराएँ जोड़ी जाए, जो कि इस प्रकार है: "(1ए) मंत्रीपरिषद में प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या सदन के सदस्यों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। (1बी) संसद के किसी भी सदन का सदस्य जो कि किसी भी राजानीतिक दल से संबद्ध हो तथा उसे दसवीं अनुसूची के पैरा 2 के अंतर्गत उस सदन का सदस्य बनने के अयोग्य घोषित कर दिया हो, वह धारा (1) के तहत मंत्री के पद पर नियुक्ति के लिए भी अयोग्य माना जाएगा और यह अवधि उसे अयोग्य घोषित किए जाने की तारीख से शुरू होगी और उस तारीख तक लागू रहेगी जिस अवधि तक उसका सदस्य के रूप में कार्यकाल समाप्त नहीं होता या उस अवधि के समाप्त होने से पहले उस तारीख तक, जब वह कहीं से संसद के किसी भी सदन के लिए हुए चुनाव में खड़ा हुआ हो, और उसे निर्वाचित घोषित किया गया हो, जो भी पहले हो"। संविधान के अनुच्छेद 164 में धारा (1) के बाद निम्नलिखित धाराएं जोड़ी जाएं:
86 amendment act, 2002
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भारत का संविधान (86वाँ संशोधन) अधिनियम, 2002 भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया। इसका संबंध अनुच्छेद 21 के पश्चात् जोड़े गए नए अनुच्छेद 21 ए से है। नया अनुच्छेद 21ए, शिक्षा के अधिकार से संबंधित है-"राज्य को छह से 14 साल तक के सभी बच्चों को निशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध करानी होगी। यह संबंधित राज्य द्वारा निर्धारित क़ानून के तहत होगी।" संविधान के अनुच्छेद 45 में निम्नलिखित अनुच्छेद जोड़ा गया है जिसमें छह साल से कम उम्र के बच्चों की शुरुआती देखभाल और उनकी शिक्षा की व्यवस्था की गई है। अनुच्छेद 45 "राज्य को तब तक सभी बच्चों की शुरुआती देखभाल और शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए प्रयास करना होगा जब तक वह छह साल की आयु का नहीं हो जाता है।" संविधान के अनुच्छेद 51 ए में संशोधन करके (J) के बाद नया अनुच्छेद (K) जोड़ा गया है, "इसमें छह साल से 14 साल तक की आयु के बच्चे के माता-पिता या अभिभावाक अथवा संरक्षक को अपने बच्चे को शिक्षा दिलाने के लिए अवसर उपलब्ध कराने का प्रावधान है।"